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गुरु तेग बहादुर कौन थे और उन्हें 'हिंद दी चादर' क्यों कहा जाता है

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  21 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के लाल किले से देश को संबोधित करेंगे. भारत के प्रधानमंत्री आमतौर पर 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराते और देश को संबोधित करते हैं. 20 और 21 अप्रैल को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती पर लाल किले से कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह विशेष रूप से मौजूद रहेंगे. आइए जानते हैं कि गुरु तेग बहादुर साहिब कौन थे, उन्होंने समाज के लिए क्या अलग किया था और केंद्र की ओर से लाल किले में इस तरह के भव्य समारोह के मायने क्या हैं. गुरु तेग बहादुर कौन थे? गुरु तेग बहादुर साहिब सिखों के नौवें गुरु थे. उनका पहला नाम त्याग मल था. सिख धार्मिक अध्ययन के सूत्रों में उनका उल्लेख 'संसार की चादर' के रूप में किया गया है. जबकि भारतीय परंपरा में उन्हें 'हिंद दी चादर' कहा जाता है. सिख इतिहासकार सतबीर सिंह अपनी पुस्तक 'इति जिन करी' में लिखते हैं, ''गुरु तेग बहादुर का जन्म विक्रम संवत 1678 के पांचवें वैसाख के दिन हुआ था....